उत्तराखंड की प्राचीन चारधाम पैदल यात्रा 5120 वर्ष पुरानी है।
राज्य में देसी विदेशी सैलानियों की आमद और अधिक बढ़ जाएगी।
इस योजना के क्रियान्वयन से प्राचीन मार्ग पर पड़ने वाले पर्यटक व तीर्थस्थल, मठ-मंदिर फिर से आबाद होंगे।
Dehradun। राज्य सरकार प्राचीनकाल में उत्तराखंड के चारधाम यात्रा पैदल मार्ग को फिर से विकसित करेगी, जिससे राज्य में ट्रेकिंग टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके। इसके लिए सरकार की ओर से योजना तैयार की गई है। तीर्थनगरी पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड की प्राचीन चारधाम पैदल यात्रा 5120 वर्ष पुरानी है। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा ट्रेक को फिर से विकसित करने का निर्णय लिया है। योजना के तहत मार्ग में पड़ने वाली चट्टियों, पड़ावों की तलाश का कार्य शुरू किया जा चुका है।
इस योजना के क्रियान्वयन से प्राचीन मार्ग पर पड़ने वाले पर्यटक व तीर्थस्थल, मठ-मंदिर फिर से आबाद होंगे, जिससे राज्य में देसी विदेशी सैलानियों की आमद और अधिक बढ़ जाएगी। यह कदम राज्य में स्वरोजगार व पलायन को रोकने में काफी हद तक मददगार साबित होगा। इसके अलावा उन्होंने बदरीनाथ व केदारनाथ के मध्य रावल ट्रेक, नीती माणा ट्रेक आदि ट्रेकों को भी खोलने पर योजना तैयार करने की बात कही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पुराने ट्रैक्स को खोलने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर की गई है। होम स्टे योजना पर भी विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। कमरों की सँख्या बढाई जा रही है। उत्तराखण्ड के फूड को प्रमोट करने को लेकर कार्य किया जा रहा है।