बेरोजगारों के साथ ठगी की घटना का मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने लिया संज्ञान

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उत्तराखंड के बेरोजगारों से ठगी करने वालों को किसी भी दशा में नहीं जाएगा बक्शा

युवाओं से ठगी करने वाली बिहार की संस्था सिडको पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा 

संस्था द्वारा कार्यालय खोलकर युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण, सदस्यता देने के नाम पर जमा कराए थे पैसे

पुलिस द्वारा कंपनी के सभी खातों के साथ-साथ कंपनी के अकाउंटेंट के खाते को भी किया फ्रिज

सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के नाम पर सिडको संस्था द्वारा लिया जा रहा था शुल्क

देहरादून। लघु उद्योग विकास परिषद ( सिडको ) संस्था द्वारा युवाओं से रोजगार और प्रशिक्षण के नाम पर ठगी किए जाने के संबंध में मिली शिकायत पर थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस द्वारा जांच की गई, जांच के दौरान जानकारी हुई कि सिडको संस्था बिहार के पटना में पंजीकृत है, जिसके द्वारा देहरादून के अजबपुर क्षेत्र में कार्यालय खोलकर प्रदेश के युवाओं से प्रशिक्षण के नाम पर प्रति व्यक्ति 6100/- ₹ लिए गए थे। कंपनी द्वारा दावा किया जा रहा था कि उक्त धनराशि को उसके द्वारा सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार तथा युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण देने के लिए लिया जा रहा था। जांच के दौरान संस्था की कार्य प्रणाली तथा खातों में गड़बड़ी पाए जाने पर थाना नेहरू कॉलोनी में संबंधित संस्था के विरुद्ध थाना नेहरू कॉलोनी पर मु०अ०सं०- 231/25, धारा 318(4)/61(2) BNS के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।

उक्त घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा एसएसपी देहरादून को मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, जिसके तहत पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए विवेचना के दौरान sidco कार्यालय अजबपुर से मुकदमे से संबंधित समस्त दस्तावेजो व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में लिया गया है, साथ ही कंपनी के सभी खातों के साथ साथ कंपनी के एकॉउंटेन्ट के खातों को भी सीज कराया गया है। इसके अतिरिक्त कंपनी के खाते से जिन अलग- अलग खातों में अधिकतर धनराशि का लेन देन हुआ है, उन्हें भी फ्रीज़ करने की कार्यवाही की जा रही है। अब तक कि विवेचना में सिडको एनजीओ के बिहार निवासी तीन लोगों के नाम पर पटना में रजिस्टर्ड होने की जानकारी मिली है तथा कंपनी द्वारा उससे जुड़ने वाले प्रत्येक सदस्य को अन्य सदस्य को कंपनी से जुड़वाने पर प्रति सदस्य ₹400 दिया जाना प्रकाश में आया है, जबकि कंपनी के बायोलॉज में काम करने अथवा प्रशिक्षण देने के एवज में किसी धनराशि का भुकतान किये जाने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

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