देहरादून। नेशनल एक्शन फोरम फॉर सोशल जस्टिस का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिला। इस बैठक में राज्य में दलित समाज से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्य विषयों में रोस्टर प्रणाली का लागू नहीं होने, दलित अधिकारियों की पदोन्नति में रुकावट, दलितों की भूमि पर अवैध कब्जे और दलितों को आवंटित भूमि के नियमितीकरण की समस्या प्रमुख रूप से उठाए गए।
प्रतिनिधि मंडल ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न विभागों में रोस्टर प्रणाली लागू नहीं होने से दलित समाज के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। साथ ही, दलित अधिकारियों को पदोन्नति में जानबूझकर रोका जा रहा है, जिससे उनके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, दलितों की भूमि पर कब्जा करने और उनके हक की भूमि के नियमितीकरण में हो रही देरी के मुद्दे भी सामने आए।
मुख्य सचिव रतूड़ी ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतिनिधि मंडल में फोरम के प्रमुख सदस्यों राव नसीम अहमद, राजेश भोरे, सुरेश चंद बिरला, मांगें राम, बबलू सिंह ने भाग लिया।