ऐसी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा या परित्यक्ता हों: रेखा आर्या
लाभार्थी महिलाओं को कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा
इन वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग नियमित रूप से होगी ताकि महिला चालक या सवारी में से किसी को भी सुरक्षा संबंधी समस्या होने पर तुरंत मदद मिल सके
देहरादून। उत्तराखंड की सड़कों पर आप जल्द ही एक नया नजारा कर पाएंगे जब आपको ओला उबर की तर्ज पर महिला सारथी यात्रियों को उनके स्थान तक पहुंचती नजर आएंगी। महत्वाकांक्षी महिला सारथी परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही देहरादून जिले में शुरू होने वाला है ।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इसमें ऐसी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा या परित्यक्ता हों। महिलाओं को परिवहन विभाग ड्राइविंग का प्रशिक्षण देगा और उनके ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाएंगे। इन महिलाओं के लिए ही वाहनों की व्यवस्था एक संस्था के सीएसआर फंड और निर्भया योजना के फंड से की जानी प्रस्तावित है। इसमें लाभार्थी महिलाओं को कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। इन गाड़ियों के संचालन के लिए एक पूरी तरह प्रोफेशनल मोबाइल एप बनाया जाएगा, उसमें यूजर इंटरफेस तकरीबन वैसा ही होगा जैसा आजकल ऑनलाइन गाड़ियां बुक करने वाली कमर्शियल कंपनियों के एप में होता है। मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि वाहनों में महिला चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर कई फीचर शामिल होंगे। इन वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग नियमित रूप से होगी ताकि महिला चालक या सवारी में से किसी को भी सुरक्षा संबंधी समस्या होने पर तुरंत मदद मिल सके। इस योजना में पुलिस और परिवहन विभाग भी शामिल होंगे, इसलिए इन विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ जल्द ही एक प्रेजेंटेशन किया जाएगा । पायलट प्रोजेक्ट के लिए देहरादून में पहले ही महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्या, उपनिदेशक विक्रम सिंह, मोहित चौधरी, आरती बलोदी, उदय प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।