30 सितम्बर तक छात्रों के खाते में भेजें धनराशिः डॉ. धन सिंह रावत
अभिभावक समय पर खरीद सकेंगे बच्चों के स्कूल ड्रेस, बैग और जूते
विद्यालय स्तर पर पुस्तक खरीद को बनेगी समिति
देहरादून। राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस, बैग और जूते की खरीद के लिये पैसों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार छात्रों के खातों में 30 सितम्बर तक डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेज देगी। इसके लिये विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा विद्यालयों में पुस्तकों की खरीद के लिये समिति गठित की जायेगी, जो छात्र-छात्राओं की आवश्यकतानुरूप प्रतियोगी व अन्य पुस्तकों की खरीद का प्रस्ताव विभाग को भेजेगी।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय स्थित समग्र शिक्षा सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्कूली ड्रेस, बैग और जूतों के लिये मिलने वाली धनराशि समय पर उपलब्ध न कराये जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आगामी 30 सितम्बर तक डीबीटी के माध्यम से यह धनराशि सीधे छात्र-छात्राओं के खाते में भेजने के निर्देश दिये। ताकि बच्चों को समय पर स्कूल यूनीफार्म, बैग और जूते मिल सके। डॉ. रावत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कतिपय विद्यालयों में पुस्तक खरीद के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है , जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने पुस्तकालयों में छात्रोपयोगी पुस्तकों की खरीद के लिये विद्यालय स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिये। जिसमें प्रधानाचार्य, सेवानिवृत्त शिक्षक, ग्राम प्रधान और अभिभावक संघ के अध्यक्ष रहेंगे, जो छात्रों की आवश्यकता के अनुरूप पुस्तकों का चयन कर सूची विभाग को सौंपेंगे।
बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने समग्र शिक्षा परियोजना की वित्तीय प्रगति रिपोर्ट तलब की। इस दौरान उन्होंने परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत बजट को समय पर व्यय करने, पीएम-श्री विद्यालयों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने, कलस्टर विद्यालयों, आईसीटी लैब व वर्चुअल लैब की शीघ्र स्थापना करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नये पीएम-विद्यालयों की स्वीकृति के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके क्रम में भारत सरकार ने 15 विद्यालयों को स्वीकृति दे दी है, शीघ्र ही इन विद्यालयों में मानकों के अनुरूप निर्माण कार्य किया जायेगा। इसके अलावा प्रदेश में डिजिटल एजुकेशन को प्रभावी बनाने के दृष्टिगत 800 विद्यालयों में हाईब्रिड मोड़ में (वर्चुअल एवं स्मार्ट क्लास) कक्षाएं स्थापित कर दी गई हैं जबकि 40 विद्यालयों में स्थापना कार्य अपने अंतिम चरण में है। इसके अलावा भारत सरकार को इस वित्तीय वर्ष में 72 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाओं हेतु 172 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही आईसीटी लैब हेतु 124 विद्यालयों के लिये 517 लाख का प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराया गया है, शीघ्र ही केन्द्र सरकार से इसकी स्वीकृति मिल जायेगी।